मुझे भी विद्यार्थियों को सीख देने वाली कहानीया सुनना काफी पसंद है। तो आज में आपको ऐसी ही अनोखी कहानिया पढ़ने मिलेगी यदि आप एक शिक्षक है तो इस कहानियो को अपने बच्चो के लिए पढ़के सुना सकते हो। बच्चे भी इस कहानीसे बहोत कुछ सीखेंगे।
विद्यार्थियों को सीख देने वाली कहानी(hindi moral stories)
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१. मीरा ने तय किया बच्चो को कहानीसे कुछ सिखाये:
एक छोटे से गाँव की बात है, जहा के एक परिवार के घर में एक प्यारी सी लड़की रहती थी जिसका नाम मीरा था। मीरा बचपन से ही बहुत प्रतिबद्ध और सपने में खोई रहने वाली थी। उसका सपना था कि वह अपने गाँव के बच्चों को अपने सपनो को पूरा करने के लिए नई-नई रास्ते दिखाए, जिससे वो अपने सपनो को पूरा कर सके।
मीरा को भी नई-नई कहानिया सुनना काफी पसंद था। वो हर रोज नई किताबो में से कहानिया पढ़ती और उसमे से जो भी कुछ नया सिखने को मिले वो सीखती रहती। क्युकी उसको पढ़ना काफी पसंद था।
मीरा ने एक दिन फैसला किया कि वो अपनी अद्वितीय कहानियों के माध्यम से बच्चों को सिखाएगी। उसने निर्णय कर ही लिया था की वो अपनी कहानियो में से जिसमे संघर्ष, असफलताओ से लड़ना और सकारात्मक सोच सिखने मिले वैसी कहानिया सुनाना तय किया।
मीरा ने गांव के सभी बच्चो को अपने घर में बुलाया और कहानिया सुनना शुरू कर दिया।
एक कहानी में, एक छोटा सा बच्चा असफलता का सामना करता है और फिर उसका संघर्ष दिखाकर उसे कैसे सफलता मिलती है। दूसरी कहानी में, एक बड़ा सपना देखने वाली लड़की के माध्यम से बच्चों को सपनों की महत्वपूर्णता सिखाई जाती है।
मीरा ने अपनी कहानियों के माध्यम से बच्चों को यह सिखाने का प्रयास किया कि असफलता एक नया सफर है, जिसमें सीखना कभी भी बंध करना नहीं होता है। उसने बच्चों को प्रेरित किया कि वे कभी भी हार को स्वीकार न करे, बल्कि उस हार से कुछ सीखे और आगे बढ़ें।
इस विद्यार्थियों को सीख देने वाली कहानी में से आपको क्या सिखने मिला?
“इस कहानी में से हमें ये सिख मिलती है की, जीवन के हर एक पड़ाव पर असफलता आपका इंतजार कर रही है, उससे डरना नहीं है उसका सामना करना है। दूसरी सीखी ये मिलती है की, यदि आपके पास कोई विशेष ज्ञान है जो आप किसी और को दे सकते हो, तो जरूर से ज्ञान को बाटना चाहिए। क्युकी ज्ञान को बाटने से आपके ही ज्ञान में वृध्दि होगी”
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२. “कल्पना की एक उड़ान”
एक छोटे से गाँव में रहने वाली एक छोटी सी लड़की थी, जिनका नाम था कल्पना। कल्पना ने बचपन से ही आसमान की ऊँचाइयों की ओर उड़ने का सपना देखा था। उसका मन खुद को एक अंतरिक्ष यात्री बनने की कल्पना से भरा हुआ था।
कल्पनाने अपने सपने को पूरा करने के लिए हर एक तरह की महेनत की थी। पहले जब उसको पता चला की उसको अपने सपनो को पूरा करने के लिए बहोत महेनत करनी पड़ेगी वो थोड़ा डर भी जाती है लेकिन उसके माँ-बाप की सहायता से वो एक सफल अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए निकल जाती है।
कल्पना को पहले लगा की ये तो आसान लगता है। वो इसी घमंड में रहती की ये तो बहुत आसान है में तो कर ही लुंगी। लेकिन जैसे जैसे वो आगे बढ़ती गई तब उसको नई-नई चुनोतियो का सामना शुरू हुआ। धीरे धीरे आगे बढ़ती गई।
बहोत बार वो अपने राह से भटक भी गई थी। अब वो कॉलेज में आगई थी। कॉलेज में पढ़ने के दौरान उसके बहोत ही अच्छे एक टीचर से मुलाकात होती है। उस टीचर को वो अपना गुरु ही मान लेती है क्युकी वो टीचर उसको पढाई करने में काफी मदद करते है। वैसे तो वो टीचर सभी बच्चो को काफी पसंद थे। टीचर को अच्छे से पता था की हर एक बच्चा स्पेशल होता है उसको किस तरह से संभालना चाहिए।
कॉलेज में तो उसके नए-नए दोस्त बने वो बहार गुमने लगी और अपना लक्ष्य भूलती चली गई। कॉलेज का समय भी बीत जाता है और जब कॉलेज में से निकलती है तब उसको याद आता है की उसका सपने का क्या होगा मेंने तो मेरा बहोत समय गवा दिया।
कल्पना ने इस बात को अपने टीचर को शेयर की, तब उसके टीचर ने एक सही दिशा और मार्गदर्शन दिया। वो मार्गदर्शन से कल्पना ने फिर से अपने सपने को पूरा करने की और चल पड़ी।
उसके बहोत सफलताए हासिल की और एक दिन वो एक सफल अंतरिक्ष यात्री बन ही गई।
उसने सबसे पहले उसके टीचर का धन्यवाद किया और फिर अपने गांव में गई। उसके माँ-बाप उसको देखते ही बहोत खुस हो गए।
कल्पना का सपना पूरा हुआ और राकेट में अंतरिक्ष में उड़न भरी। उस दिन वो बहोत खुस थी।
इस विद्यार्थियों को सीख देने वाली कहानी में से आपको क्या सिखने मिला?
“इस कहानी में से हमें ये सिखने मिलता है की, हर एक इंसान को अपने सपने को पूरा करने के लिए सबसे पहले सही दिशा और सही मार्गदर्शन मिलना आवश्यक है। बिना कोई सही मार्गदर्शन और दिशा के वो किसी भी राह पर भटक जायेगा और अपने सपने को पूरा नहीं कर पायेगा। सिर्फ महेनत कर लेने से सफलता नहीं मिलती, सही दिशा में महेनत करने से सफलता मिलती है। ये बात अपने दिमाग में उतार लीजिये।”
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3. प्रेम और समझदारी की अनोखी दास्तान
एक छोटे से गाँव में रहने वाला एक युवक था, जिसका नाम था आर्यन। आर्यन की जिंदगी एकदम से बदल जाती है जब वो एक हादसे में (एक्सीडेंट) अपनी दोनों आँखे खो देता है। उस हादसे की बाद आर्यन काफी उदास रहने लगता है और उसको ये समज में नहीं आता की वे अब आगे की जिंदगी कैसे जियेगा।
लेकिन उसने हार नहीं मानी और जिंदगी को एक नए सिरे से जीना शुरू कर दिया।
आर्यन का संघर्ष न केवल उसकी मेहनत और संघर्षशीलता में था, बल्कि उसने यह भी सीखा कि जीवन में समझदारी और प्रेम का बड़ा स्थान है। वह अपनी कमी को एक विशेषतामे बदलने के लिए कड़ी मेहनत करता है, लेकिन उसकी जीवन में एक और साथी मिलता है जो उसको काफी मदद करता है जिसका नाम था आशा।
आशा ही एक समझदार लड़की थी और जो लोग जीवन की मुश्किलोसे लड़ रहे होते है उसको मदद करती थी और उनको समजती थी की जीवन में सिर्फ महेनत और संघर्ष नहीं होता उसके आलावा समझदारी और प्रेम का महत्वपूर्ण योगदान होता है जिससे हमें जिंदगी को आनदमय बनाने में मदद करता है।
आर्यन और आशा साथ में काफी खुश रहते थे। दोनों ही एक दूसरे के सपनो को अच्छे से समझते थे। दोनों को पता था की समझदारी और प्रेम से किसी भी इंसान का दिल जीता जा सकता है और किसी भी इंसान को जिंदगी जीने के लिए नहीं राह दिलवाई जा सकती है।
इस विद्यार्थियों को सीख देने वाली कहानी में से आपको क्या सिखने मिला?
“इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में संघर्ष के बावजूद, समझदारी और प्रेम हमें सफलता की सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करते हैं। यह हमें यह बताता है कि हमें सिर्फ मेहनत से ही नहीं, बल्कि दूसरों की भावनाओं को समझकर और प्रेम बनाए रखकर ही सच्ची सफलता मिलती है।”
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४. सहयोग का महत्व: ये है एक अनमोल रिश्ता
ये एक छोटे से गांव की कहानी है जिस गांव में बहोत परिवार मिल जुलके रहते थे। गाँव में रहने वाले परिवारों में दो परिवार ऐसे थे जिसके दो बच्चे में गहरी दोस्ती थे जिसमे एक परिवार के बच्चे का नाम था राज और दूसरे परिवार के बच्चे का नाम अर्जुन था। दोनों अपने सपनो को पूरा करना चाहते थे और दोनों एक दूसरे के संघर्ष में एक दूसरे की मदद करते थे।
गांव में रहने वाले सारे परिवार किसान थे और एक दिन गांव में बहोत बारिश होती है और लोग परेशान हो जाते है और सोचते रहते है कि ये बारिश कब थमेगी। लेकिन बारिश तो रुकने का नाम ही नहीं लेती।
२ दिन तक बारिश के बाद किशानो ने खेत में जाके देखा तो सारे खेतो में पानी भर गया था। लोग काफी परेशान हो गए थे। उनको अब समज में ही नहीं आ रहा थे की अब ये पानी किस तरह से निकालेंगे।
राज और अर्जुन ने तुरंत समझा कि इस समस्या का हल निकालने के लिए उन्हें सहयोग करना होगा। वे मिलकर लोगो को इक्कठा करना शुरू किया और कहा की लोगो को एक दूसरे का सहयोग करना होगा तब ही ये पानी निकलेगा।
राज और अर्जुन ने सभी को मिलकर कुछ दिनों तक मेहनत किया। वे खेतों को सुधारने में मदद करते रहे और नए-नए रास्ते निकले जिससे जल्द से जल्द पानी खेतो में से निकले और फसल ख़राब न हो।
इस समय में, उन्होंने देखा कि सहयोग का महत्व केवल समस्या समाप्त करने में ही नहीं होता, बल्कि यह लोगों के बीच एक मजबूत और दिलसे जुड़ने में मदद करता है।
धीरे-धीरे, गाँव की स्थिति सुधरने लगी और लोगों के बीच में एकता बढ़ने लगी। इस घड़ी में, राज और अर्जुन ने यह सिखा कि सहयोग का महत्व सिर्फ समस्याओं का समाधान करने में ही नहीं होता, बल्कि इससे एक मजबूत समुदाय बनता है जो एक-दूसरे की मदद करता है और साथ में प्रगति करता है।
इस विद्यार्थियों को सीख देने वाली कहानी में से आपको क्या सिखने मिला?
“इस कहानी से हमें ये सिखने मिलता है की, कोई समस्या कितनी भी बड़ी क्यों ना हो उसको हल करने में जो सहयोग मिले तो काफी कम समय में उस समस्या का हल मिल जाता है। सहयोग से न केवल समस्या का हल मिलता है बल्कि उससे एक मजबूत संगठन बनता है। इसलिए तो गांव में सबलोग मिल जुलकर रहते है।”
५. “विद्या का रंग ऐसा लगा” कहानी हिंदी में
बहोत समय पहले की बात है की एक छोटा सा गांव था जिसमे एक लड़का रहता था जिसका नाम राकेश था। राकेश को पढ़ने का बहोत शोख था और वो बहोत महेनति था।
राकेश का सपना था कि वह शिक्षा के माध्यम से अपने गाँव को ऊँचाइयों तक पहुँचाएगा। उसने स्कूल की पढ़ाई में बहुत मेहनत की और शिक्षा में अपना आत्म-समर्पण दिखाया।
राकेश ने फैसला किया था की वो एक राष्ट्रिय प्रतियोगीता में हिस्सा लेगा और उसमे महेनत करके उसमे उत्तीर्ण होगा। इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेना राकेश के लिए बहोत बड़ा अवसर था।
वो ये मौका जाना देना नहीं चाहता था। उसने अपने आपसे वादा किया था की वो अपनी पूरी कोशिश करेगा और इस प्रतियोगिता को जित के दिखायेगा।
प्रतियोगिता के लिए तैयारी के दिनों में, राकेश ने अपनी अंतिम मेहनत और उम्मीद के साथ पढ़ाई की। वह ना केवल अच्छे अंक प्राप्त करने में सफल हुआ, बल्कि उसने प्रतियोगिता जीती भी।
परंतु, राकेश ने जीत हासिल करने के बाद सीखा की हर एक प्रतियोगीता में सिर्फ अच्छे अंक लाना ठीक नहीं है उससे क्या सीखा वो ज्यादा महत्व रखता है, ना की अंक।
उसने समझा कि शिक्षा में सिर्फ अंकों की नहीं, बल्कि ज्ञान की महत्वपूर्णता होती है। उसने देखा कि विद्या का रंग सिर्फ परीक्षा में सफलता नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन का भी हिस्सा है।
राकेश ने अपनी जीत का समर्थन गाँव में शिक्षा के प्रति उत्साह और उन्नति की ओर मोड़ा। उसने गाँववालों को शिक्षा के महत्व को समझाने का कार्य किया और एक नये युग की शुरुआत की।
इस विद्यार्थियों को सीख देने वाली कहानी में से आपको क्या सिखने मिला?
“इस कहानी से ये सिखने मिलता है की, हमेशा हमें जीवन की हर एक प्रतियोगिता से जो ज्ञान मिले उसपर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। क्युकी प्रतियोगिता तो कई बार देने को मिलेगी। यदि आप उसमें से कुछ शिखोगे नहीं तो आप जीवन में कुछ सिख नहीं और सिर्फ अंको के पीछे भागते रहोगे। जो ज्ञान मिलेगा उसको अपने समाज में अच्छे काम के लिए भी उपयोग करना चाहिए।”