आज हम chanda mama door ke kahani in hindi के बारेमे बात करने वाले है। भारत के हर एक बच्चे को chanda mama ki kahani, chanda mama ki story, chanda mama ki shayari जैसी कहानिया काफी पसंद होती है। आज उन सब कहानीया मेसे हम chanda mama door ke poem in hindi जैसी कहानिया लेके आये है।
आपके घर पे यदि बच्चे है तो आप जरूर से ये कहानी उनको सुनाई ये उनको बहोत अच्छा लगेगा।
chanda mama ki kahani hindi mein सुनिए मज़ा आयेगा
ये कहानी शुरू होती है एक छोटे से गांव से जिसका नाम था चंदनपुर। गांव काफी लोगो को रात के समय में चाँद को देखना काफी पसंद था तो वह रहते लोगो ने उस गांव का नाम भी चाँद से मिलता जुलता रख दिया था जैसे की चंदनपुर।
गांव में एक बच्चा था जिसको चाँद को देखना बहोत पसंद था। उस बच्चे का नाम साहिल था।
गांव के बिच में एक सुंदर सा जिल था जिसके आसपास बच्चे खेलते थे। लेकिन साहिल चाँद के बारेमे ही सोचता रहता। उसको हर एक दिन यही सवाल खटकता की रात को चाँद दीखता है लेकिन सुबह में चाँद क्यों नहीं दीखता।
हर रोज वो अपने दोस्तों से पूछता लेकिन दोस्त बोलते की सुबह में चाँद स्कूल में पढ़ने जाता है और रातको बहार खेलने के लिए आता है।
एक दिन जब शाम हुई थोड़ा अँधेरा होता है तब साहिल जिल के पास खेल रहा था। तब उसने चाँद को जिल में देखा तो उसको लगा की चाँद तो मेरे पास खेलने के लिए आ गया है तो में उसको खेलने के लिए बताता हूँ।
लेकिन उसको पता नहीं था की वो तो सिर्फ चाँद की पड़छाई है, असली में चाँद खेलने के लिए नहीं आया है।
लेकिन साहिल तो बच्चा था वो तो जिल में उसको हाथ से छूने के लिए जाता है तो उसको पानी जैसा महसूस होता है तो वो थोड़ा सा डर जाता है की ये तो चाँद था पानी कैसे हो गया! वो भागके अपनी मां के पास घर पे चला जाता है।
अपनी मां को कहता है की माँ-माँ में तो चाँद को जिल में देखा और जब में उसको छूने के लिए गया तो वो पानी जैसा हो गया।
साहिल की मां उसको अपनी गोद में बिठाके माथे पे हाथ फिरते हुए कहती है की बेटा जिल में तो चाँद की पड़छाई थी, वो असली में चाँद नहीं था।
चाँद तो वही आकाश में अपने दोस्तों के साथ ही खेल रहा है निचे नहीं आया।
यदि तुम्हे चाँद के पास खेल ने के लिए जाना है तो तुम्हे शाला में बहोत महेनत करनी पड़ेगी जैसी चाँद सुबह में अपने शाला में पढ़ने के लिए जाता है उसी तरह तुम भी पढाई में अच्छे से ध्यान देना और एक दिन चाँद के पास जा पाओगे।
साहिल को धीरे-धीरे पढाई का महत्व समज में आया। उसकी मां ने उसको समझाया की जीवन में हमें कभी-भी आसान रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। अंत में साहिल ने अपनी मां से पूछा की चाँद के पास जाने के लिए कितना पढ़ना पड़ेगा। तब उसकी माँ ने कहा की तुम्हे बहोत पढाई करनी होगी।
तब साहिल को समज आने लगा की जीवन में कभी-भी आसानी से सफलता नहीं मिलती। सफलता पाने के लिए खूब महेनत करनी पड़ती है।
chanda mama ki kahani में से आपको क्या शिख मिली?
“इस कहानी को सुनके आपको पता चल गया होगा की जीवन में सफलता के लिए कभीभी आसान रास्ता नहीं अपनाना चाहिए उस रास्ते में असफलता ही हाथ में लगेगी और आप निराश हो जाओगे। आपको भी साहिल की तरह कड़ी महेनत करनी है और अपने सपनो को पूरा करना है, जिससे आपके माता पिता को आपके ऊपर गर्व होगा।”
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