Pragyana Rover on Moon – चांद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर है, जैसे हनुमान जी की तरह, जो चांद्रमा पर पांव रखकर खड़ा है। प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर आगे बढ़ रहा है और समय-समय पर जानकारी भेज रहा है। प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह से जो जानकारी भेजी है, वह काफी महत्वपूर्ण है। विक्रम और प्रज्ञान चंद्रमा के एक ऐसे हिस्से में हैं जिसमें बड़े गड्ढे हैं, लेकिन उनमें बहुत सारी मानक जानकारी छिपी है।

अब सवाल यह उठता है कि क्या ऐसी कोई चीज मिली है जिसके बाद इसरो उत्साहित है और जो मानवता के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है। प्रज्ञान ने सात दिनों के सफर में खुलासा किया है कि चंद्रमा की सतह पर ऑक्सीजन, सल्फर, आयरन और निकिल के भंडार हो सकते हैं। अगर ऐसा हो, तो आने वाले सालों में चंद्रमा हमारे लिए आवास का एक विकल्प बन सकता है।
चंद्रमा की सतह पर अब तक क्या मिला है

- ऑक्सीजन
- सल्फर
- आयरन
- निकिल
- क्रोमियम
- टाइटेनियम
- मैग्नीज
- सिलिकॉन
एक और महत्वपूर्ण बात:
विशेषज्ञों का मानना है कि ऑक्सीजन मिलने से पानी की संभावना हो सकती है इस बात को नाकारा नहीं जा सकता है , साथ ही, आयरन की उपस्थिति दिखाती है कि धरती पर जब हमारे पास संसाधन समाप्त हो जाएगा, तो चंद्रमा अनेक आवश्यकताओं को पूरा करने में हमारी मदद कर सकता है। साथ ही, सिलिकॉन और टाइटेनियम की उपस्थिति मानवों के लिए एक अच्छी खबर है। जब धरती पर इन संसाधनों का सहारा खत्म हो जाएगा, हमारे पास और विकल्प हो सकते हैं।
23 अगस्त को सफल लैंडिंग हुई थी
23 अगस्त को शाम के 6 बजकर 4 मिनट के बाद, विक्रम लैंडर ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर गया था, जिससे भारत ने इतिहास रच दिया। यह पहली बार था जब कोई देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपना मिशन सफलतापूर्वक भेजा था। अब तक के मिशन या तो चंद्रमा के आसपास थे या फिर उत्तरी ध्रुव के पास।


Note – All Images Credit ISRO
Read Also
- Before You Get Health Insurance: Must-Know Tips for Easy Claims
- What is Health Insurance? 5 Health Insurance benefits?
- How to earn 1 lakh per day from share market ? (Know practical method)